उत्तर प्रदेश में मानसून ने अपनी रफ्तार पकड़ ली है, और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर और अन्य 11 जिलों में अगले 24 से 48 घंटों में मूसलाधार बारिश की संभावना है। तेज हवाओं और बिजली गिरने का खतरा भी बना हुआ है, जिससे जनजीवन पर गहरा असर पड़ सकता है। पिछले 24 घंटों में यूपी के 54 जिलों में औसतन 13.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 21% अधिक है। यह लेख आपको मौसम की ताजा जानकारी, प्रभावित क्षेत्रों, और सुरक्षा उपायों के बारे में बताएगा, ताकि आप इस मौसमी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहें।
प्रभावित जिले और मौसम की स्थिति
मौसम विभाग ने 14 जिलों में भारी बारिश और वज्रपात का येलो अलर्ट जारी किया है। पश्चिमी यूपी और बुंदेलखंड क्षेत्रों में स्थिति विशेष रूप से गंभीर हो सकती है। मेरठ और गाजियाबाद जैसे शहरी क्षेत्रों में जलभराव और ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ सकती है, जबकि सहारनपुर में यमुना नदी के उफान पर होने से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। मुरादाबाद और बिजनौर में रुहेलखंड क्षेत्र के लिए मध्यम से भारी बारिश और 20-30 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की चेतावनी दी गई है। आगरा और मथुरा में भी भारी वर्षा के कारण सड़कों पर पानी भरने की आशंका है। इन जिलों में बिजली गिरने और तेज हवाओं से पेड़ गिरने का जोखिम भी बढ़ गया है।
बारिश का जनजीवन पर प्रभाव
मानसून की इस तीव्रता ने उत्तर प्रदेश में कई चुनौतियां खड़ी की हैं। हाल के दिनों में बारिश और बिजली गिरने से चित्रकूट, लखनऊ, अयोध्या और प्रयागराज जैसे क्षेत्रों में 14 लोगों की जान जा चुकी है। चित्रकूट में 141.5 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो इस मौसम की सबसे अधिक वर्षा है। सहारनपुर के एक अस्पताल में बारिश का पानी आईसीयू तक पहुंच गया, जिससे मरीजों को सुरक्षित स्थान पर ले जाना पड़ा। सुल्तानपुर में एक रोडवेज बस स्टैंड की दीवार ढह गई, हालांकि सौभाग्य से कोई हताहत नहीं हुआ। जलभराव के कारण मेरठ, गाजियाबाद और आगरा जैसे शहरों में ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई है, जिससे लोगों का रोजमर्रा का जीवन प्रभावित हो रहा है।
कृषि और बिजली आपूर्ति पर असर
मानसून की बारिश ने किसानों को कुछ राहत दी है, लेकिन अत्यधिक वर्षा फसलों, खासकर धान और गन्ने, को नुकसान पहुंचा सकती है। मेरठ और दादरी के आसपास के क्षेत्रों में किसान चिंतित हैं, क्योंकि जलभराव से फसलें खराब होने का खतरा है। इसके अलावा, बिजली गिरने और तेज हवाओं के कारण बिजली के खंभे और तार क्षतिग्रस्त हो रहे हैं, जिससे कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है। यह स्थिति ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में चुनौतियां पैदा कर रही है।
स्वास्थ्य जोखिम और सावधानियां
भारी बारिश और उमस के कारण मच्छरों से होने वाली बीमारियों, जैसे डेंगू और मलेरيا, का खतरा बढ़ गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को साफ-सफाई रखने और मच्छरदानी का उपयोग करने की सलाह दी है। इसके साथ ही, मौसम विभाग ने कुछ महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय सुझाए हैं:
बिजली गिरने से बचाव: बिजली गिरने की संभावना के दौरान खुले मैदानों, पेड़ों के नीचे या ऊंची जगहों पर जाने से बचें। घर के अंदर रहें और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को अनप्लग करें।
जलभराव से सतर्कता: सड़कों पर पानी जमा होने के कारण ड्राइविंग करते समय सावधानी बरतें और निचले इलाकों से बचें।
आपातकालीन तैयारी: पानी, टॉर्च, प्राथमिक चिकित्सा किट और जरूरी दवाइयां तैयार रखें।
मौसम अपडेट्स: मौसम विभाग की वेबसाइट या स्थानीय समाचारों के माध्यम से ताजा जानकारी प्राप्त करते रहें।
स्थानीय प्रशासन ने स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टियां घोषित की हैं और आपदा प्रबंधन टीमें तैनात की गई हैं।
आने वाले दिनों का मौसम अनुमान
मौसम विभाग के अनुसार, 13 और 14 जुलाई को भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा, खासकर पश्चिमी यूपी और बुंदेलखंड में। 15 जुलाई के बाद बारिश की तीव्रता में कमी आ सकती है, लेकिन हल्की से मध्यम बारिश पूरे सप्ताह जारी रहने की संभावना है। मेरठ और मुरादाबाद में तापमान 30-35 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा, लेकिन उमस के कारण लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। यमुना और गंगा नदियों के उफान पर होने से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है।