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अगले 72 घंटे आफत की बारिश! मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट, ये राज्य रहें सावधान

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भारत में मानसून ने अपनी पूरी ताकत दिखानी शुरू कर दी है। मौसम विभाग ने अगले 72 घंटों में देश के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। उत्तरी राजस्थान, झारखंड, बिहार, और मध्य भारत के कुछ इलाकों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने के कारण मौसमी गतिविधियां तेज हो गई हैं। यह लेख आपको मौसम की ताजा जानकारी, प्रभावित होने वाले क्षेत्रों, और इससे बचाव के उपायों के बारे में विस्तार से बताएगा।

मानसून की ताकत: निम्न दबाव का क्षेत्र बना चुनौती

मौसम विज्ञानियों के अनुसार, उत्तरी राजस्थान और झारखंड के आसपास एक निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया है, जो धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ रहा है। यह क्षेत्र अब एक डिप्रेशन में बदल चुका है, जिसके कारण अगले कुछ दिनों में भारी बारिश की संभावना बढ़ गई है। विशेष रूप से राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़, और तटीय कर्नाटक जैसे राज्यों में मूसलाधार बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग ने 16 से 21 जुलाई तक के लिए विशेष अलर्ट जारी किया है, जिसमें जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी इलाकों में भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।

किन राज्यों पर है सबसे ज्यादा खतरा?

मौसम विभाग के ताजा अपडेट के अनुसार, राजस्थान, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 16, 17, और 21 जुलाई को अति भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा, कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र, ओडिशा, और केरल जैसे तटीय क्षेत्रों में भी मूसलाधार बारिश की संभावना है। झारखंड और बिहार के कुछ हिस्सों में निम्न दबाव का क्षेत्र पश्चिम की ओर बढ़ रहा है, जिससे इन राज्यों में बाढ़ और जलभराव का खतरा बढ़ सकता है। पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की आशंका भी जताई जा रही है, जिसके लिए स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

बारिश से बचाव के लिए क्या करें?

भारी बारिश के दौरान सुरक्षित रहने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाना महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, मौसम विभाग की चेतावनियों पर नजर रखें और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें। अगर आप उन क्षेत्रों में रहते हैं जहां जलभराव का खतरा है, तो अपने घरों में जरूरी सामान जैसे खाना, पानी, और दवाइयां पहले से तैयार रखें। यात्रा करने से बचें, खासकर पहाड़ी इलाकों में, जहां भूस्खलन का जोखिम अधिक है। इसके अलावा, बिजली के उपकरणों का उपयोग सावधानी से करें और बाढ़ के पानी से दूर रहें।

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