जापान, एक ऐसा देश जो अपनी उन्नत तकनीक और प्राकृतिक आपदा प्रबंधन के लिए जाना जाता है, आजकल एक अनोखे डर के साये में है। इस डर की वजह कोई वैज्ञानिक चेतावनी नहीं, बल्कि एक मंगा कलाकार रियो तात्सुकी की भविष्यवाणी है, जिन्हें लोग ‘जापानी बाबा वेंगा’ के नाम से जानते हैं। उनकी किताब The Future I Saw में की गई भविष्यवाणी के अनुसार, 5 जुलाई 2025 को जापान और उसके आसपास के क्षेत्रों में एक ऐसी सुनामी आएगी, जो 2011 की तोहोकू आपदा से भी तीन गुना अधिक विनाशकारी होगी। इस भविष्यवाणी ने न केवल जापान, बल्कि ताइवान, इंडोनेशिया और फिलीपींस जैसे पड़ोसी देशों में भी चिंता की लहर पैदा कर दी है। हाल के दिनों में टोकारा द्वीप समूह में आए सैकड़ों भूकंपों ने इस डर को और गहरा कर दिया है। क्या यह वाकई एक आसन्न आपदा का संकेत है, या महज एक काल्पनिक कहानी? आइए, इस रहस्य को समझने की कोशिश करते हैं।
रियो तात्सुकी: जापानी बाबा वेंगा कौन हैं?
रियो तात्सुकी कोई ज्योतिषी या भविष्यवक्ता नहीं हैं, बल्कि एक मंगा कलाकार हैं, जिन्होंने अपनी रचनात्मकता और सपनों के जरिए भविष्य की घटनाओं को चित्रित किया है। उनकी किताब The Future I Saw, जो पहली बार 1999 में प्रकाशित हुई, उनके सपनों और डायरी नोट्स का एक संग्रह है। इस किताब में उन्होंने कई ऐसी घटनाओं का जिक्र किया, जो बाद में सच साबित हुईं। मिसाल के तौर पर, 1995 का कोबे भूकंप, 2011 की तोहोकू सुनामी, और यहाँ तक कि कोविड-19 महामारी की भविष्यवाणी भी उनकी किताब में थी। इन सटीक भविष्यवाणियों ने उन्हें ‘जापानी बाबा वेंगा’ का खिताब दिलाया, जो बुल्गारिया की मशहूर नेत्रहीन भविष्यवक्ता बाबा वेंगा से प्रेरित है। लेकिन क्या उनकी नवीनतम भविष्यवाणी भी उतनी ही सटीक होगी?
5 जुलाई की भयावह भविष्यवाणी
रियो तात्सुकी की किताब के 2021 संस्करण में 5 जुलाई 2025 को एक भयंकर प्राकृतिक आपदा की बात कही गई है। उनके अनुसार, जापान और फिलीपींस के बीच समुद्र तल में एक गहरी दरार खुलेगी, जिससे प्रशांत महासागर में ‘उबलता पानी’ और ज्वालामुखी विस्फोट होगा। इसका परिणाम होगा एक ऐसी सुनामी, जिसकी लहरें 2011 की तोहोकू सुनामी से तीन गुना ऊँची होंगी। उस आपदा में 22,000 से अधिक लोग मारे गए थे, और तात्सुकी का दावा है कि इस बार नुकसान उससे कहीं अधिक हो सकता है। उन्होंने अपने सपनों में समुद्र में बुलबुले, उबाल और तेज कंपन देखे, जो उनके अनुसार इस सुनामी के शुरुआती संकेत होंगे। इस भविष्यवाणी ने न केवल जापान, बल्कि ताइवान, इंडोनेशिया, और भारत के तटीय क्षेत्रों जैसे अंडमान और निकोबार, तमिलनाडु, और आंध्र प्रदेश में भी चिंता पैदा की है, क्योंकि 2004 की सुनामी ने इन क्षेत्रों को बुरी तरह प्रभावित किया था।