बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक सनसनीखेज हत्या कांड ने सभी को हैरान कर दिया। एक पत्नी, जिसका सपना था अफसर बनना, ने अपने पति की हत्या की ऐसी साजिश रची, जो किसी थ्रिलर फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं। सबा फिरदौस नाम की इस महिला ने न केवल गूगल और यूट्यूब की मदद से हत्या का तरीका सीखा, बल्कि सैकड़ों क्राइम सीरियल देखकर एक ऐसी कहानी बुनी, जिसने पुलिस को भी शुरू में भ्रम में डाल दिया। लेकिन सच्चाई ज्यादा देर तक छिप नहीं सकी। कड़ाई से पूछताछ और सबूतों की गहन जांच के बाद सबा ने अपना गुनाह कबूल कर लिया।
अफेयर की शंका और टूटते रिश्ते
सबा फिरदौस की कहानी 2012 में शुरू हुई, जब उनकी शादी मुमताज नाम के एक पंचायत रोजगार सेवक से हुई। तीन बच्चों की मां सबा के लिए शुरुआती साल सामान्य रहे, लेकिन 2022 में उनके जीवन में तूफान आ गया। सबा को शक हुआ कि मुमताज का किसी दूसरी महिला के साथ अफेयर चल रहा है। कई बार फोन पर बातचीत पकड़ने के बावजूद मुमताज ने हमेशा इनकार किया। सबा का कहना है कि जब उन्होंने इस रिश्ते का विरोध किया, तो मुमताज ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। घर में सीसीटीवी कैमरे लगवाने के बाद भी हालात नहीं सुधरे। इस सब ने सबा को इतना परेशान कर दिया कि उन्होंने एक खतरनाक कदम उठाने का फैसला कर लिया।
गूगल और यूट्यूब बने हत्या के ‘गुरु’
सबा ने बताया कि वह बीपीएससी और यूपीएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थीं, ताकि एक दिन अफसर बन सकें। लेकिन पति के व्यवहार ने उन्हें हत्या की साजिश रचने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने गूगल और यूट्यूब पर हत्या के तरीके खोजने शुरू किए। हर उस तकनीक को, जो उन्हें प्रभावी लगी, नोट्स में लिखा। साथ ही, क्राइम सीरियल्स और थ्रिलर फिल्मों से प्रेरणा लेते हुए एक ऐसी स्क्रिप्ट तैयार की, जिससे वह पुलिस को गुमराह कर सकें। उनकी साजिश इतनी चतुर थी कि यह फिल्म ‘दृश्यम’ की कहानी से मिलती-जुलती थी।
17 चाकू के वार और ठंडे दिमाग की साजिश
7 जुलाई की रात को सबा ने अपनी योजना को अंजाम दिया। जब उनके बच्चे सो रहे थे और मुमताज दूसरे कमरे में था, सबा ने किचन से चाकू लिया और मुमताज के सीने पर 17 बार वार किए। खून बहता देख वह शांतिपूर्वक अपने कमरे में लौट आईं। इस हत्या को अंजाम देने के बाद सबा ने पुलिस को गुमराह करने की पूरी कोशिश की। लेकिन 13 जुलाई को पुलिस ने उनकी गूगल और यूट्यूब हिस्ट्री की जांच की, जिसमें हत्या के तरीके खोजने के सबूत मिले। सबा द्वारा बनाए गए नोट्स की तलाश अभी भी जारी है।
पुलिस की सतर्कता ने उजागर किया सच
पुलिस की गहन जांच और तकनीकी सबूतों ने इस मामले को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई। सबा की सर्च हिस्ट्री ने उनके इरादों को पूरी तरह बेनकाब कर दिया। मुजफ्फरपुर पुलिस ने इस मामले को सुलझाने के लिए दिन-रात मेहनत की और आखिरकार सबा को गिरफ्तार कर लिया। यह मामला न केवल एक अपराध की कहानी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि डिजिटल युग में अपराधी कितनी आसानी से तकनीक का दुरुपयोग कर सकते हैं। लेकिन साथ ही यह भी साबित करता है कि सतर्कता और तकनीकी जांच से कोई भी अपराधी बच नहीं सकता।