राम कपूर की पत्नी का बयान- 16वें जन्मदिन पर बेटी को देना चाहती थीं सेक्स टॉय!

टेलीविजन की जानी-मानी अभिनेत्री गौतमी कपूर ने हाल ही में एक ऐसा बयान दिया है, जिसने सभी को चौंका दिया। उन्होंने खुलासा किया कि वह अपनी बेटी सिया के 16वें जन्मदिन पर उसे सेक्स टॉय गिफ्ट करने की सोच रही थीं। यह बात उन्होंने एक साक्षात्कार में साझा की, जहां उन्होंने माता-पिता और बच्चों के बीच अंतरंगता पर खुलकर बात करने की जरूरत पर जोर दिया। आइए, इस खबर के पीछे की कहानी और गौतमी के विचारों को समझते हैं।

एक मां का अनोखा दृष्टिकोण

गौतमी कपूर, जो अभिनेता राम कपूर की पत्नी और दो बच्चों की मां हैं, ने बताया कि उनकी बेटी सिया जब 16 साल की हुई, तो वह उसे कुछ नया और शिक्षाप्रद गिफ्ट देना चाहती थीं। उनके मुताबिक, सेक्स टॉय देने का विचार इसलिए आया क्योंकि वह चाहती थीं कि उनकी बेटी अपनी शारीरिक जिज्ञासाओं को सुरक्षित और जिम्मेदार तरीके से समझे। गौतमी ने हंसते हुए कहा कि जब उन्होंने सिया से इस बारे में बात की, तो उसने हैरानी से जवाब दिया, “मम्मी, क्या आप पागल हो गई हैं?” यह मजेदार किस्सा गौतमी की प्रगतिशील सोच और मां-बेटी के बीच खुले संवाद को दर्शाता है।

बच्चों के साथ खुली बातचीत क्यों जरूरी?

गौतमी का मानना है कि भारतीय समाज में सेक्स और अंतरंगता जैसे विषयों पर खुलकर बात करने की कमी है। वह कहती हैं कि माता-पिता को अपने बच्चों के साथ ऐसी बातचीत शुरू करनी चाहिए ताकि वे गलत जानकारी या असुरक्षित रास्तों से बच सकें। गौतमी ने जोर देकर कहा कि किशोरावस्था में बच्चे जिज्ञासु होते हैं, और सही मार्गदर्शन न मिलने पर वे गलत निर्णय ले सकते हैं। उनकी यह सोच न केवल एक मां के अनुभव को दर्शाती है, बल्कि समाज में बदलाव की जरूरत को भी रेखांकित करती है।

गौतमी और राम कपूर की पारिवारिक जिंदगी

गौतमी और राम कपूर टेलीविजन इंडस्ट्री के मशहूर जोड़े हैं, जिनकी मुलाकात ‘घर एक मंदिर’ के सेट पर हुई थी। 2003 में शादी के बाद, उनके दो बच्चे—बेटी सिया और बेटा अक्स—हैं। गौतमी ने अपने करियर के साथ-साथ परिवार को भी प्राथमिकता दी और बच्चों की परवरिश में सक्रिय भूमिका निभाई। उनकी यह खुली सोच और बच्चों के साथ दोस्ताना रवैया उनके परिवार की मजबूत नींव को दर्शाता है।

समाज की प्रतिक्रिया और विशेषज्ञों की राय

गौतमी के इस बयान पर सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। जहां कुछ लोगों ने उनकी प्रगतिशील सोच की तारीफ की, वहीं कुछ ने इसे भारतीय संस्कृति के लिए अनुचित बताया। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि किशोरों के साथ सेक्स एजुकेशन पर बातचीत जरूरी है, लेकिन इसे संवेदनशील और उम्र के हिसाब से करना चाहिए। गौतमी का यह कदम माता-पिता को यह सोचने पर मजबूर करता है कि वे अपने बच्चों को कितना समझते हैं और उनसे कितना खुलकर बात करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *