उत्तराखंड के हरिद्वार और रुड़की में पवित्र कांवड़ यात्रा के दौरान हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं, जिन्होंने इस धार्मिक आयोजन की शांति को भंग कर दिया। मामूली टक्करों ने कांवड़ियों के आक्रोश को हवा दी, जिसके चलते सड़कों पर तोड़फोड़ और मारपीट की वारदातें हुईं। इन घटनाओं ने न केवल स्थानीय लोगों को परेशान किया, बल्कि पुलिस-प्रशासन के लिए भी कानून-व्यवस्था बनाए रखने की बड़ी चुनौती खड़ी कर दी।
हरिद्वार के बहादराबाद थाना क्षेत्र में गुरुवार को उस समय हंगामा मच गया, जब एक कार (एचआर 11 आर 3043, ब्रेज़ा) ने जल लेकर जा रहे कांवड़ियों को हल्की टक्कर मार दी। यह घटना क्रिस्टल वर्ल्ड के सामने हुई, जहां गुस्साए कांवड़ियों ने कार के शीशे तोड़ दिए और चालक मुकेश, जो शामली का निवासी है, पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। कुछ लोगों ने धारदार हथियारों से भी हमले की कोशिश की, जिससे चालक गंभीर रूप से घायल हो गया। भीड़ ने हाईवे पर जाम लगाने की कोशिश की, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
स्थानीय पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और घायल चालक को भीड़ से बचाकर शांतरशाह चौकी ले जाया गया। उसे उपचार के लिए रुड़की सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसमें कांवड़ियों की उग्रता और सड़क पर मची अराजकता साफ दिखाई दे रही है। इस वीडियो ने लोगों के बीच चर्चा का माहौल गर्म कर दिया।
रुड़की में भी भड़का आक्रोश
हरिद्वार के बाद रुड़की में भी कांवड़ यात्रा के दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया। यहां भी एक मामूली टक्कर ने बड़ा रूप ले लिया। गुस्साए कांवड़ियों ने सड़कों पर उतरकर न केवल जिला प्रशासन की गाड़ी को निशाना बनाया, बल्कि कई निजी वाहनों में भी तोड़फोड़ की। रुड़की के अलग-अलग इलाकों में मारपीट और अफरा-तफरी की तस्वीरें सामने आईं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं कांवड़ यात्रा की पवित्रता को धूमिल कर रही हैं और आम जनजीवन को प्रभावित कर रही हैं।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
हरिद्वार पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और कार चालक की तहरीर पर तीन कांवड़ियों—आशु कुमार, ऋतिक, और रवि कुमार, जो सहारनपुर के निवासी हैं—के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें हिरासत में ले लिया। पुलिस ने मौके पर अतिरिक्त बल तैनात कर स्थिति को शांत किया। पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि कांवड़ यात्रा के नाम पर कानून तोड़ने की इजाजत किसी को नहीं है। रुड़की में भी पुलिस ने तनाव को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाए और स्थिति को सामान्य करने में सफल रही।