उत्तराखंड के पवित्र केदारनाथ धाम के पास रविवार, 15 जून 2025 को एक हृदयविदारक हेलीकॉप्टर दुर्घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया। गौरकुंड के निकट हुए इस हादसे में सात लोगों की जान चली गई, जिसमें एक नवविवाहित दंपति, उनकी दो साल की मासूम बेटी और अनुभवी पायलट शामिल थे। यह हादसा न केवल एक परिवार की खुशियों को छीन ले गया, बल्कि चार धाम यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठा रहा है। आइए, इस दुखद घटना के पीछे की कहानी और जांच के ताजा अपडेट्स को समझते हैं।
एक परिवार का अधूरा सपना
महाराष्ट्र के रहने वाले राजकुमार जायसवाल और उनकी पत्नी श्रद्धा जायसवाल अपनी दो साल की बेटी काशी के साथ केदारनाथ दर्शन के लिए निकले थे। यह यात्रा उनके लिए आध्यात्मिक और पारिवारिक खुशियों का मिश्रण थी। लेकिन किसे पता था कि यह पवित्र यात्रा उनकी आखिरी सैर बन जाएगी। इस हादसे में राजकुमार, श्रद्धा और छोटी काशी की जान चली गई। दंपति का चार साल का बेटा विवान, जो अपने दादा के पास पंढरकवड़ा में रुका था, इस त्रासदी से बच गया। परिवार के लिए यह एक ऐसी क्षति है, जिसकी भरपाई शायद कभी न हो सके।
पायलट की दर्दनाक कहानी
इस हादसे में हेलीकॉप्टर के पायलट राजवीर सिंह चौहान की भी मौत हो गई। राजवीर हाल ही में दो जुड़वां बच्चों के पिता बने थे और उनके परिवार में खुशियों की लहर थी। अनुभवी पायलट के रूप में उनकी गिनती विश्वसनीय लोगों में होती थी, लेकिन इस हादसे ने उनके परिवार को भी गहरे सदमे में डाल दिया। उनकी कहानी इस हादसे की भयावहता को और गहरा करती है।
हादसे की वजह और जांच की शुरुआत
घटना के दिन सुबह 5:10 बजे, आर्यन एविएशन का बेल 407 हेलीकॉप्टर (VT-BKA) गुप्तकाशी से केदारनाथ के लिए उड़ा। इसमें पांच यात्री, एक शिशु और पायलट राजवीर शामिल थे। हेलीकॉप्टर ने सुबह 5:18 बजे केदारनाथ हेलीपैड पर लैंड किया और महज एक मिनट बाद, 5:19 बजे, गुप्तकाशी के लिए वापसी की उड़ान भरी। लेकिन गौरकुंड के पास यह हेलीकॉप्टर अचानक दुर्घटनाग्रस्त हो गया। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, तकनीकी खराबी या मौसम की स्थिति इस हादसे की वजह हो सकती है, लेकिन सटीक कारणों का पता जांच के बाद ही चलेगा।
जांच की जिम्मेदारी
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने इस हादसे की गहन जांच शुरू कर दी है। विशेषज्ञों की टीम हेलीकॉप्टर के ब्लैक बॉक्स, उड़ान डेटा और मौसम की स्थिति का विश्लेषण कर रही है। साथ ही, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने चार धाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं की आवृत्ति को कम कर दिया है और सुरक्षा मानकों की समीक्षा शुरू कर दी है। यह कदम भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है।