उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में पुलिस ने नशे के कारोबार (drug trafficking) को एक बड़ा झटका दिया है। सल्ट तहसील में चेकिंग के दौरान दो चचेरे भाइयों को गिरफ्तार किया गया, जो सब्जी की आड़ में पिकअप वाहन में गांजा तस्करी कर रहे थे। पुलिस ने उनके कब्जे से लाखों रुपये कीमत का गांजा (cannabis) बरामद किया और वाहन को सीज कर दिया। इस कार्रवाई ने नशे के खिलाफ चल रही मुहिम को और मजबूती दी है।
चिमटाखाल में चेकिंग के दौरान खुला राज
रानीखेत पुलिस उपाधीक्षक विमल प्रसाद के नेतृत्व में और सल्ट थानाध्यक्ष प्रमोद पाठक की अगुवाई में सल्ट पुलिस ने चिमटाखाल सड़क, मरचूला के पास चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान एक पिकअप वाहन (UK01-CA-0780) को रोका गया। वाहन में सवार चालक विशाल सिंह और परिचालक भूरे ने दावा किया कि उनके कट्टों में सब्जियां भरी हैं। लेकिन पुलिस को उनकी हरकतें संदिग्ध लगीं। जब कट्टों की तलाशी ली गई, तो सब्जियों की जगह 16.895 किलोग्राम गांजा (narcotics) बरामद हुआ। इस खुलासे ने तस्करों के मंसूबों पर पानी फेर दिया।
एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई
पुलिस ने दोनों आरोपियों को तुरंत हिरासत में लिया और उनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट (NDPS Act) के तहत मामला दर्ज किया। बरामद गांजे की कीमत लाखों में बताई जा रही है, जिससे इस तस्करी के बड़े नेटवर्क से जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है। वाहन को भी सीज कर दिया गया है, और पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि तस्करी के पीछे के रैकेट का पता लगाया जा सके।
नशे के खिलाफ सख्ती की जरूरत
यह घटना नशे के कारोबार की गंभीरता को उजागर करती है, जो खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में युवाओं को अपनी चपेट में ले रहा है। अल्मोड़ा जैसे शांत इलाकों में भी नशे की तस्करी (drug smuggling) का बढ़ना चिंता का विषय है। स्थानीय लोग और सामाजिक संगठन लंबे समय से इस समस्या के खिलाफ जागरूकता अभियान चला रहे हैं। पुलिस की इस कार्रवाई को सराहा जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि नशे की जड़ तक पहुंचने के लिए और सख्त कदम उठाने होंगे।