भारत में डिजिटल भुगतान की लहर ने टोल कलेक्शन के क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दिया है। फास्टैग (FASTag) के जरिए अप्रैल से जून 2025 (Q1 FY26) के दौरान देशभर में 20,681.87 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड टोल वसूली हुई है। यह आंकड़ा पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 19.6% ज्यादा है, जो यह दर्शाता है कि भारतीय अब तेजी से कैशलेस और डिजिटल टोल भुगतान की ओर बढ़ रहे हैं।
फास्टैग की लोकप्रियता और इसकी सहज प्रक्रिया ने नेशनल हाईवे पर सफर को न केवल आसान बनाया है, बल्कि इसे और किफायती भी कर दिया है। आइए, इस उपलब्धि और इसके पीछे की वजहों को करीब से समझते हैं।
टोल कलेक्शन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी
इस साल की पहली तिमाही में फास्टैग (FASTag) के जरिए 117.3 करोड़ ट्रिप्स दर्ज किए गए, जो पिछले साल के 100.98 करोड़ ट्रिप्स की तुलना में 16.2% ज्यादा है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि नेशनल हाईवे पर वाहनों की आवाजाही बढ़ी है और लोग अब फास्टैग को अपनी पहली पसंद के रूप में देख रहे हैं।
इस दौरान टोल वसूली में हुई 19.6% की वृद्धि यह भी बताती है कि 1 अप्रैल 2025 से टोल दरों में 4-5% की बढ़ोतरी के बावजूद, फास्टैग का उपयोग बढ़ता जा रहा है। यह साफ है कि डिजिटल टोल सिस्टम ने न केवल समय की बचत की है, बल्कि टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी कतारों को भी खत्म कर दिया है।
फास्टैग एनुअल पास
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक नई पहल की घोषणा की, जो हाईवे यात्रियों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है। 15 अगस्त 2025 से पूरे देश में फास्टैग एनुअल पास (FASTag Annual Pass) शुरू किया जाएगा। इस पास की कीमत 3,000 रुपये होगी, और यह एक साल या 200 ट्रिप्स (जो पहले पूरा हो) तक वैध रहेगा।
यानी, प्रति ट्रिप की लागत महज 15 रुपये के आसपास होगी। यह पास नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की वेबसाइट, सड़क परिवहन मंत्रालय (MoRTH) की वेबसाइट और राजमार्ग यात्रा ऐप के जरिए आसानी से खरीदा जा सकेगा। यह सुविधा खास तौर पर उन लोगों के लिए वरदान है, जो रोजाना या नियमित रूप से नेशनल हाईवे पर सफर करते हैं।
फास्टैग ने बदली सड़क यात्रा की तस्वीर
फास्टैग (FASTag) ने भारत के टोल सिस्टम को पूरी तरह से बदल दिया है। इसकी आसान प्रक्रिया और डिजिटल तकनीक ने टोल कलेक्शन को तेज, पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त बनाया है। टोल प्लाजा पर अब नकद भुगतान की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे समय की बचत होती है और सफर सुगम हो जाता है। नया फास्टैग एनुअल पास इस दिशा में एक और कदम है, जो न केवल खर्च को कम करेगा, बल्कि हाईवे पर सफर को और भी तेज और किफायती बनाएगा।