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13 साल की बच्ची अचानक हुई लापता, पुलिस की स्मार्ट प्लानिंग से 10 घंटे में हुई सकुशल वापसी

On: Saturday, April 26, 2025 10:26 AM
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Dehradun News : देहरादून की सड़कों पर एक बार फिर दून पुलिस ने अपनी तत्परता और मानवता का परिचय दिया। एक 13 वर्षीय नाबालिग लड़की, जो परीक्षा में असफल होने के बाद परिजनों की डांट से नाराज होकर घर छोड़कर चली गई थी, को पुलिस ने मात्र 10 घंटे के भीतर सकुशल बरामद कर उसके परिवार को सौंप दिया। इस घटना ने न केवल पुलिस की कार्यकुशलता को उजागर किया, बल्कि समाज में विश्वास और उम्मीद की किरण भी जगाई।

नाराजगी में छोड़ा घर, शुरू हुई खोज

24 अप्रैल, 2025 को देहरादून के गोरखपुर चौक, शक्ति विहार निवासी एक परिवार ने थाना पटेलनगर में अपनी 13 वर्षीय नाबालिग बहन के गायब होने की शिकायत दर्ज की। परिवार के मुताबिक, लड़की अपनी बोर्ड परीक्षा में असफल होने के कारण परिजनों की डांट से आहत थी। नाराजगी में उसने बिना किसी को बताए घर छोड़ दिया। परिजनों ने आसपास के इलाकों में उसे तलाशने की कोशिश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। हताश होकर उन्होंने पुलिस का सहारा लिया।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने दिखाया कमाल

प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देहरादून के निर्देश पर तुरंत एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया। इस टीम में अ0उ0नि0 डालिंदर सिंह और कां0 हेमंती नंदन बहुगुणा शामिल थे। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और आधुनिक तकनीक के साथ-साथ पारंपरिक पुलिसिंग का सहारा लिया। घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया, जिससे लड़की के संभावित रास्तों का पता चला। साथ ही, व्हाट्सएप के जरिए लड़की की तस्वीर को आसपास के थानों में साझा किया गया ताकि तलाश में तेजी लाई जा सके।

पुलिस ने स्थानीय लोगों से पूछताछ और सुरागरसी के जरिए जानकारी जुटाई। कुछ ही घंटों में शिमला बायपास रोड के आसपास लड़की के होने की सूचना मिली। इसके बाद पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर नाबालिग को सकुशल बरामद कर लिया और उसे उसके परिजनों के हवाले कर दिया।

परिवार की खुशी और पुलिस का सम्मान

लड़की की सकुशल वापसी पर परिजनों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई। उन्होंने दून पुलिस की त्वरित कार्रवाई और समर्पण की जमकर सराहना की। परिवार ने कहा, “हम दून पुलिस के आभारी हैं। उनकी मेहनत और संवेदनशीलता ने हमारी बेटी को वापस लौटाया।” इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पुलिस न केवल कानून की रक्षा करती है, बल्कि इंसानियत और सामाजिक जिम्मेदारी को भी प्राथमिकता देती है।

यह घटना दून पुलिस की कार्यकुशलता और जनता के प्रति उनकी जवाबदेही का जीवंत उदाहरण है। सीसीटीवी, सोशल मीडिया, और मैनुअल पुलिसिंग के संयोजन से पुलिस ने न केवल एक परिवार को उनकी खोई हुई खुशी वापस दी, बल्कि समाज में यह संदेश भी दिया कि वे हर परिस्थिति में जनता के साथ खड़े हैं। इस तरह की घटनाएं पुलिस और आम नागरिकों के बीच विश्वास को और मजबूत करती हैं।

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