17 जून 2025 को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि दोपहर 2:46 बजे तक रहेगी, जिसके बाद सप्तमी तिथि शुरू होगी। इस दिन शतभिषा नक्षत्र का प्रभाव पूरे दिन रहेगा, जो मानसिक उलझनों और बदलाव की ऊर्जा को बढ़ाएगा। ग्रहों की चाल और योग इस दिन कुछ राशियों के लिए चुनौतियां ला सकते हैं। आइए, इस दिन की ज्योतिषीय स्थिति को समझें और जानें कि किन राशियों को सतर्क रहने की जरूरत है, साथ ही उनके लिए विशेष उपाय भी।
ज्योतिषीय स्थिति: ग्रहों का खेल और प्रभाव
इस दिन चंद्रमा और राहु कुंभ राशि में रहेंगे, जिससे ग्रहण योग बनेगा। यह योग मानसिक भटकाव और अनिश्चितता को बढ़ा सकता है। मिथुन राशि में सूर्य, बुध और गुरु का त्रिग्रही योग कुछ राशियों के लिए करियर और रिश्तों में दबाव पैदा करेगा। मेष में शुक्र, सिंह में मंगल-केतु की युति और मीन में शनि की उपस्थिति इस दिन की ज्योतिषीय ऊर्जा को और जटिल बनाएगी। विष्कम्भ योग सुबह 9:34 तक रहेगा, जो नए कार्य शुरू करने में बाधा डाल सकता है, जबकि दोपहर 2:46 बजे के बाद विष्टि करण जोखिम भरे फैसलों को और मुश्किल बना सकता है।
मेष राशि: खर्चों और तनाव पर रखें नजर
मेष राशि वालों के लिए यह दिन थोड़ा सावधानी बरतने का है। चंद्रमा और राहु का ग्रहण योग आपके बारहवें भाव को प्रभावित करेगा, जिससे खर्चों में वृद्धि, नींद की कमी या मानसिक तनाव की स्थिति बन सकती है। मंगल और केतु की युति पांचवें भाव में प्रेम संबंधों में तनाव, पढ़ाई में एकाग्रता की कमी या बच्चों से जुड़ी चिंताएं ला सकती है। शतभिषा नक्षत्र की ऊर्जा आपके दिमाग को भटका सकती है। इस दिन कोई नया काम शुरू करने से बचें।
उपाय: हनुमान चालीसा का पाठ करें या ‘ॐ हं हनुमते नमः’ मंत्र का 21 बार जाप करें। यह आपके तनाव को कम करने में मदद करेगा।
वृषभ राशि: करियर और स्वास्थ्य में सतर्कता जरूरी
वृषभ राशि के जातकों को इस दिन करियर और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना होगा। चंद्रमा और राहु का ग्रहण योग आपके दसवें भाव को प्रभावित करेगा, जिससे कार्यक्षेत्र में रुकावटें, सहकर्मियों या बॉस के साथ गलतफहमियां या काम में देरी हो सकती है। मंगल और केतु की युति छठे भाव में स्वास्थ्य समस्याएं जैसे पेट या त्वचा से जुड़ी दिक्कतें ला सकती है। शतभिषा नक्षत्र के प्रभाव से मानसिक उलझन बढ़ सकती है। नए प्रोजेक्ट शुरू करने से बचें।
उपाय: माता दुर्गा को सफेद फूल अर्पित करें और ‘ॐ दुं दुर्गायै नमः’ मंत्र का 11 बार जाप करें। यह आपके लिए शुभ रहेगा।
कन्या राशि: काम का दबाव और स्वास्थ्य पर ध्यान
कन्या राशि वालों के लिए यह दिन करियर में तनाव और स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव ला सकता है। मिथुन में सूर्य, बुध और गुरु का त्रिग्रही योग आपके दसवें भाव को प्रभावित करेगा, जिससे कार्यस्थल पर दबाव या गलत निर्णय की आशंका रहेगी। चंद्रमा-राहु का ग्रहण योग छठे भाव में स्वास्थ्य समस्याएं जैसे जोड़ों का दर्द या तनाव पैदा कर सकता है। शतभिषा नक्षत्र और विष्टि करण छोटी-छोटी बातों पर तनाव बढ़ा सकते हैं।
उपाय: भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ाएं और ‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र का 11 बार जाप करें। यह बाधाओं को दूर करने में सहायक होगा।
धनु राशि: रिश्तों और घरेलू जीवन में सावधानी
धनु राशि के लिए यह दिन रिश्तों और पारिवारिक जीवन में सतर्कता बरतने का है। मिथुन में त्रिग्रही योग आपके सातवें भाव को प्रभावित करेगा, जिससे रिश्तों में गलतफहमियां या बिजनेस डील में रुकावटें हो सकती हैं। चंद्रमा-राहु का ग्रहण योग तीसरे भाव में भाई-बहनों से विवाद या संवाद में गलतफहमी ला सकता है। शनि का मीन में गोचर आपके चौथे भाव को प्रभावित करेगा, जिससे घर में तनाव या माता के स्वास्थ्य की चिंता हो सकती है।
उपाय: भगवान विष्णु को पीले फूल चढ़ाएं और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का 11 बार जाप करें। यह शांति प्रदान करेगा।
मीन राशि: आत्मविश्वास और स्वास्थ्य का रखें ख्याल
मीन राशि वालों के लिए यह दिन मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने का है। चंद्रमा-राहु का ग्रहण योग आपके पहले भाव को प्रभावित करेगा, जिससे आत्मविश्वास में कमी, सिरदर्द या थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं। मंगल और केतु की युति छठे भाव में शत्रुओं से तनाव या कानूनी मसले ला सकती है। शतभिषा नक्षत्र की ऊर्जा मानसिक भटकाव को बढ़ा सकती है। कोई नया काम शुरू करने से बचें।
उपाय: भगवान शिव को जल अर्पित करें और ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें। यह आपको मानसिक शांति देगा।