उत्तराखंड सरकार ने चैत्र नवरात्रि और हिंदू नव वर्ष के शुभ अवसर पर प्रदेश की बालिकाओं को एक खास तोहफा दिया है। चंपावत के लोहाघाट में राज्य का पहला महिला स्पोर्ट्स कॉलेज बनाने का शासनादेश जारी हो चुका है। यह कदम न सिर्फ खेलों में बेटियों की प्रतिभा को निखारने का सुनहरा मौका देगा, बल्कि देवभूमि को खेल भूमि के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा। खेल मंत्री रेखा आर्या ने इसे सरकार की ओर से बालिका खिलाड़ियों के लिए एक अनमोल उपहार बताया है।
बेटियों के सपनों को मिलेगा नया आसमान
खेल मंत्री रेखा आर्या ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह कॉलेज प्रदेश की उन लड़कियों के लिए वरदान साबित होगा, जो खेलों में अपना नाम रोशन करना चाहती हैं। इस कॉलेज में पढ़ाई के साथ-साथ आधुनिक खेल तकनीकों की ट्रेनिंग दी जाएगी। इससे न केवल उनकी प्रतिभा निखरेगी, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उनका प्रदर्शन बेहतर होगा। मंत्री ने कहा कि यह पहल 38वें राष्ट्रीय खेलों की सफलता के बाद खेलों को बढ़ावा देने की दिशा में एक और बड़ा कदम है।
चंपावत से शुरू होगी नई क्रांति
चंपावत में बनने वाला यह स्पोर्ट्स कॉलेज उस कमी को पूरा करेगा, जो लंबे समय से उत्तराखंड में महसूस की जा रही थी। अभी तक राज्य में लड़कियों को खिलाड़ी के रूप में तैयार करने के लिए कोई समर्पित सरकारी संस्थान नहीं था। राष्ट्रीय खेलों में बेटियों ने शानदार प्रदर्शन कर पदक जीते, लेकिन उन्हें आगे बढ़ाने के लिए संसाधनों की कमी एक बड़ी चुनौती थी। अब इस कॉलेज के जरिए बेटियों को बेहतर सुविधाएं और वैज्ञानिक ट्रेनिंग मिलेगी, जो उनके करियर को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
सरकार की प्रतिबद्धता और आभार
खेल मंत्री ने इस पहल के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को धन्यवाद दिया और कहा कि उनकी दूरदर्शिता से ही यह सपना सच हो पाया है। उन्होंने प्रदेश की सभी महिला खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा कि यह कॉलेज उनके लिए एक नया द्वार खोलेगा। यह कदम न सिर्फ खेलों को बढ़ावा देगा, बल्कि बेटियों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में भी मदद करेगा। आने वाले दिनों में उत्तराखंड की बेटियां खेलों में नया इतिहास रचेंगी, ऐसा विश्वास मंत्री ने जताया।