हरियाणा में घर या जमीन खरीदने का सपना देख रहे लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रॉपर्टी खरीद को और महंगा करने वाले कलेक्टर रेट में 2025-26 के लिए प्रस्तावित बदलाव को फिलहाल टाल दिया है। इसका मतलब है कि पुरानी दरें ही इस साल लागू रहेंगी, जिससे प्रॉपर्टी खरीदने वालों को बड़ी राहत मिलेगी। राजस्व विभाग ने इस संबंध में स्पष्ट आदेश जारी कर दिए हैं, जिसमें कहा गया है कि मौजूदा कलेक्टर रेट अगले निर्देश तक प्रभावी रहेंगे।
कलेक्टर रेट क्या है और क्यों है यह महत्वपूर्ण?
कलेक्टर रेट वह न्यूनतम मूल्य है, जिसके आधार पर प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन और स्टांप ड्यूटी तय की जाती है। हरियाणा में यह दरें प्रॉपर्टी के लेन-देन में अहम भूमिका निभाती हैं। आमतौर पर हर साल अप्रैल में नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ इन दरों में बदलाव किया जाता है। लेकिन इस बार सीएम सैनी ने जनता के हित में बड़ा कदम उठाते हुए संशोधन को स्थगित कर दिया। इससे प्रॉपर्टी खरीदने की लागत में कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा।
पहले भी हो चुका है बदलाव
वित्त आयुक्त और अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) सुमिता मिश्रा ने बताया कि हरियाणा में कलेक्टर रेट को आखिरी बार दिसंबर 2024 में संशोधित किया गया था। इसके बाद मार्च में जिला प्रशासन ने नए वित्तीय वर्ष के लिए दरों में बदलाव की準備 शुरू की थी। लेकिन सरकार ने सभी जिलों को साफ निर्देश दिए हैं कि 2025-26 के लिए पुरानी दरों पर ही प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन किया जाए। यह फैसला जनता के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
प्रॉपर्टी खरीदारों के लिए इसका क्या मतलब?
इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को होगा, जो इस साल हरियाणा में जमीन, मकान या कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बना रहे हैं। कलेक्टर रेट में बढ़ोतरी टलने से स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस में कोई अतिरिक्त खर्च नहीं आएगा। यह उन मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए खासतौर पर राहत की बात है, जो अपने सीमित बजट में घर खरीदने का सपना पूरा करना चाहते हैं।
सरकार का जनता के प्रति संवेदनशील रवैया
हरियाणा सरकार का यह कदम दर्शाता है कि वह आम लोगों की आर्थिक स्थिति को समझती है। खासकर ऐसे समय में जब महंगाई और अन्य खर्चों का बोझ पहले से ही लोगों पर है, कलेक्टर रेट को स्थिर रखने का फैसला स्वागत योग्य है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे न केवल प्रॉपर्टी मार्केट में स्थिरता आएगी, बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर में विश्वास भी बढ़ेगा।
हालांकि, यह राहत अस्थायी हो सकती है, क्योंकि सरकार ने अगले आदेश तक पुरानी दरें लागू रखने की बात कही है। इसका मतलब है कि भविष्य में परिस्थितियों के आधार पर कलेक्टर रेट में बदलाव हो सकता है। इसलिए प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बना रहे लोगों को इस मौके का फायदा उठाना चाहिए। अगर आप भी हरियाणा में प्रॉपर्टी खरीदने की सोच रहे हैं, तो यह आपके लिए सुनहरा अवसर हो सकता है।