यामीन विकट, ठाकुरद्वारा। उत्तर प्रदेश के ठाकुरद्वारा तहसील के शरीफनगर गांव के निवासी इन दिनों बिजली की भारी किल्लत से जूझ रहे हैं। गर्मी की तपिश में जहां लोग पंखे और कूलर के लिए तरस रहे हैं, वहीं बार-बार बिजली कटौती ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। सरकार के आदेश के मुताबिक, इस गांव को 18 घंटे बिजली आपूर्ति मिलनी चाहिए, लेकिन हकीकत में ग्रामीणों को मुश्किल से 6 से 8 घंटे ही बिजली नसीब हो पाती है। यह स्थिति न केवल आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है, बल्कि बच्चों और बुजुर्गों को भीषण गर्मी में भारी तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है।
पढ़ाई पर पड़ रहा असर
गांव के छात्र-छात्राएं इस बिजली संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं का कहना है कि बिजली की अनियमित आपूर्ति के कारण उनकी पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। रात के समय अंधेरे में पढ़ाई करना असंभव हो जाता है, जिससे उनकी शैक्षिक प्रगति पर असर पड़ रहा है। एक स्थानीय छात्रा, राधिका, ने बताया, “हमारी बोर्ड परीक्षाएं नजदीक हैं, लेकिन बिना बिजली के पढ़ाई करना मुश्किल है। प्रशासन को हमारी समस्याओं की कोई परवाह नहीं।”
ग्रामीणों में बढ़ता आक्रोश
शरीफनगर के लोगों में स्थानीय प्रशासन और नेताओं के प्रति गुस्सा बढ़ता जा रहा है। सोशल मीडिया पर ग्रामीण अपनी भड़ास निकाल रहे हैं और नेताओं को उनके वादों की याद दिला रहे हैं। एक ग्रामीण, मोहम्मद यूसुफ, ने कहा, “चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन बाद में कोई हमारी सुनने नहीं आता। बिजली की समस्या सालों से बनी हुई है, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकाला गया।” ग्रामीणों का मानना है कि उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिसका असर आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है।
बिजली विभाग की सफाई
इस मामले में ठाकुरद्वारा के विद्युत उपखंड अधिकारी रंजीत सिंह ने स्वीकार किया कि बिजली आपूर्ति में दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने बताया कि बार-बार होने वाले फॉल्ट, जैसे पेड़ों का लाइन पर गिरना या वाहनों से खंभों को नुकसान, इस समस्या का मुख्य कारण हैं। रंजीत सिंह ने आश्वासन दिया कि कुछ पेड़ काटने की अनुमति के लिए आवेदन किया गया है, और अनुमति मिलते ही बिजली आपूर्ति को सुचारू किया जाएगा। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि ये आश्वासन सालों से दिए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत नहीं बदल रही।
समाधान की राह
शरीफनगर के निवासियों की मांग है कि बिजली आपूर्ति को नियमित किया जाए और फॉल्ट की समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए। ग्रामीणों का सुझाव है कि पुरानी बिजली लाइनों को बदला जाए और नियमित रखरखाव सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा, कुछ ग्रामीणों ने सौर ऊर्जा जैसे वैकल्पिक उपायों की मांग भी की है, ताकि बिजली संकट से निजात मिल सके।