सीरिया की राजधानी दमिश्क में बुधवार, 16 जुलाई 2025 को इजरायली ड्रोन हमलों ने दहशत फैला दी। इजरायली सेना ने रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय और राष्ट्रपति भवन के आसपास के इलाकों को निशाना बनाया। इस हमले ने न केवल सीरिया की सैन्य स्थिति को हिलाकर रख दिया, बल्कि एक ऐसी घटना को भी जन्म दिया, जिसने दुनिया का ध्यान खींचा। एक स्थानीय टीवी चैनल पर लाइव प्रसारण कर रही महिला न्यूज एंकर उस समय हक्की-बक्की रह गईं, जब जोरदार धमाके की आवाज ने स्टूडियो को हिलाकर रख दिया। वायरल हुए वीडियो में एंकर को घबराहट में इधर-उधर भागते देखा जा सकता है, जो युद्ध की भयावहता को दर्शाता है।
इजरायल का आक्रामक रुख
इजरायली रक्षा मंत्री योआव काट्ज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि दमिश्क में सीरियाई सेना के मुख्यालय के प्रवेश द्वार को निशाना बनाया गया। यह हमला दक्षिणी सीरिया के सुवैदा क्षेत्र में सीरियाई सेना को पीछे हटने की चेतावनी के बाद किया गया। काट्ज ने सख्त लहजे में कहा, “हमारी चेतावनियां अब खत्म हो चुकी हैं। अब दमिश्क में कड़े और दर्दनाक प्रहार होंगे।” इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने सुवैदा में अपनी सैन्य कार्रवाई को और तेज करने का ऐलान किया है। यह लगातार तीसरा दिन है जब इजरायल ने सीरिया पर हमले किए हैं, जिससे क्षेत्र में तनाव चरम पर है।
सुवैदा में ड्रूज समुदाय का मुद्दा
इजरायल का कहना है कि ये हमले सुवैदा में ड्रूज समुदाय और सीरियाई सुरक्षा बलों के बीच चल रही झड़पों के जवाब में किए गए हैं। हाल ही में, सीरियाई सेना और स्थानीय ड्रूज समुदाय के बीच संघर्ष तेज हुआ है, जिसके बाद इजरायल ने ड्रूज समुदाय की रक्षा का वादा किया है। काट्ज ने स्पष्ट किया कि इजरायली सेना ड्रूज समुदाय के हितों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएगी। सीजफायर समझौते के टूटने के बाद इजरायल ने अपनी सैन्य मौजूदगी को और मजबूत कर लिया है, जिससे क्षेत्र में अस्थिरता और बढ़ गई है।
החלו המכות הכואבות pic.twitter.com/1kJFFXoiua
— ישראל כ”ץ Israel Katz (@Israel_katz) July 16, 2025
युद्ध का मानवीय प्रभाव
इस हमले का वायरल वीडियो न केवल सैन्य रणनीति का हिस्सा है, बल्कि यह युद्ध के मानवीय प्रभाव को भी उजागर करता है। लाइव प्रसारण के दौरान न्यूज एंकर की घबराहट और डर युद्ध की वास्तविकता को सामने लाता है। यह दृश्य आम लोगों के लिए युद्ध के खौफ और अनिश्चितता को दर्शाता है। दमिश्क के निवासियों के लिए यह हमला एक और दर्दनाक दिन का प्रतीक है, जहां रोजमर्रा की जिंदगी में भी खतरा मंडराता रहता है।