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उत्तराखंड का नाम उत्तर प्रदेश-2? अखिलेश का धामी पर तीखा तंज!

On: Tuesday, April 1, 2025 9:03 PM
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लखनऊ/देहरादून। उत्तराखंड में जगहों के नाम बदलने का सिलसिला एक बार फिर सुर्खियों में है। सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के चार जिलों में 15 स्थानों के नाम बदलने की घोषणा की। इस फैसले पर समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “उत्तराखंड का नाम भी उत्तर प्रदेश-2 कर दीजिए।” अखिलेश का यह बयान न सिर्फ राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है, बल्कि आम लोगों के बीच भी इस पर बहस छिड़ गई है। आखिर क्या है इस नाम बदलने की कहानी और क्यों मचा है इतना हंगामा? चलिए, इस खबर को करीब से समझते हैं।

नाम बदलने का फैसला और उसकी वजह

उत्तराखंड की धामी सरकार ने हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और उधम सिंह नगर जैसे जिलों में कई जगहों के नाम बदलने का ऐलान किया। मसलन, हरिद्वार का औरंगजेबपुर अब शिवाजी नगर कहलाएगा, तो नैनीताल की नवाबी रोड का नाम अटल मार्ग हो गया है। मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि यह बदलाव जनभावनाओं और भारतीय संस्कृति को ध्यान में रखकर किया गया है। उनका मानना है कि इससे लोग अपनी विरासत से जुड़ेंगे और इतिहास के महानायकों से प्रेरणा लेंगे। लेकिन यह फैसला सभी को रास नहीं आया। विपक्ष का आरोप है कि सरकार असल मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए ऐसे कदम उठा रही है।

अखिलेश का तंज और सियासी माहौल

अखिलेश यादव ने इस मौके को हाथ से नहीं जाने दिया। लोकसभा सत्र में हिस्सा लेने जा रहे अखिलेश ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में धामी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने व्यंग्य भरे लहजे में कहा, “अगर नाम बदलना ही विकास है, तो उत्तराखंड का नाम उत्तर प्रदेश-2 क्यों नहीं कर देते? उत्तर प्रदेश का नाम भी उत्तराखंड से जोड़ दीजिए।” उनका यह बयान उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच ऐतिहासिक रिश्ते की ओर इशारा करता है, क्योंकि उत्तराखंड साल 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग होकर बना था। अखिलेश का तंज साफ तौर पर बीजेपी की नाम बदलने की नीति पर सवाल उठाता है, जिसे वे अक्सर आलोचना का निशाना बनाते रहे हैं।

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